कोई तो होगा, इन लहरों को थामने वाला,
कोई तो होगा, हसरतों को अंजाम देने वाला,
कोई तो होगा, जिसकी नज़रों में उम्मीद ना दिखे,
कोई तो होगा, जिसकी मुस्कुराहट में कुछ अंजाना-अपनापन हो,
कोई तो होगा, जिसकी सादगी-शालीनता पर वक़्त क़ुर्बान तो हो,
कोई तो होगा, जिसके पैमाने में मुझे जगह तो मिले,
कोई तो होगा, जिसके साये की छाया में मिठास हो,
कोई तो होगा, जिसका होने का आभास तो हो,
कोई तो होगा, जो नज़रों से बया की हक़ीक़त को जाने,
कोई तो होगा, जो फ़रमानो की तहक़ीक़ात को ना माने,
कोई तो होगा, जिसका निशाँ दरिया सा गहरा ना हो,
कोई तो होगा, जिसका आसमा काल-बदराया सा ना हो,
कोई तो होगा, नज़दीकियों की गर्मी को जानने वाला,
कोई तो होगा, दिल-सागर से रत्न निकालने वाला,
कोई तो होगा, लोचन की गहराई को पढ़ने वाला,
कोई तो होगा, इस मूरत को गढ़ने वाला,
कोई तो होगा, जो शौक़त से परे हो,
कोई तो होगा, जो ज़िंदगी के गले हो ।।
@Kavi Anjaan
0 Comments